मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : ढ
ढपोरशंख होना अर्थ: सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना। झूठा या गप्पी आदमी।
ढपोलशंख होना अर्थ: सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करना। झूठा या गप्पी आदमी।
ढर्रे पर आना अर्थ: सुधर जाना
ढल जाना अर्थ: बूढ़ा हो जाना
ढलती फिरती छाया अर्थ: भाग्य का खेल या फेर
ढाई ईंट की मस्जिद अर्थ: सबसे अलग कार्य करना
ढाई चावल की खिचड़ी पकाना अर्थ: सबसे अलग काम करना
ढाई दिन की बादशाहत अर्थ: कुछ समय की शानोशौकत। क्षणिक सुख। थोड़े दिन की मौज–बहार।
ढाई दिन की बादशाहत मिलना अर्थ: थोड़े दिनों की हुकूमत होना।
ढाक के तीन पात अर्थ: अपनी बात पर अड़े रहना। सदा एक सा रहना।
ढाक के वही तीन पात अर्थ: सदा से समान निर्धन रहना। परिणाम कुछ नहीं। बात वहीं की वहीं।
ढाक के सदा तीन पात अर्थ: एक ही स्थिति में हमेशा रहना।
ढाक तले की फूहड़, महुए तले की सुघड़ अर्थ: जिसके पास धन नहीं होता, वह गुणहीन है, धनी व्यक्ति गुणवान माना जाता है।
ढिंढोरा पीटना अर्थ: अति प्रचारित करना। सबको बताना। घोषणा करना। सबको सुनाना
ढील देना अर्थ: छूट देना।
ढेर करना अर्थ: मार डालना।
ढेर हो जाना अर्थ: गिर कर मरना। मर जाना।
ढेले ऊपर चील जो बोलै, गली-गली में पानी डोलै अर्थ: चील ढेले पर बैठकर बोले तो समझें बहुत बारिश होगी।
ढोंग रचना अर्थ: पाखंड करना
ढोल की पोल अर्थ: खोखलापन
ढोल के भीतर पोल अर्थ: झूठा दिखावा करने वाला।
ढोल पीटना अर्थ: सबको बताना
ढोल में पोल होना अर्थ: थोथा या सारहीन।
प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें। – संपादक