मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : ध
धक्का लगना अर्थ: नुकसान होना, दु:ख होना
धज्जियाँ उड़ाना अर्थ: किसी के दोषों को चुन-चुन कर बताना। दुर्गति करना। दोष दिखाना। बुरी तरह पीटना। नष्ट–भ्रष्ट करना।
धता बताना अर्थ: काम को टालना
धतूरा खाए फिरना अर्थ: मदमस्त रहना
धनवंती को काँटा लगा, दौड़े लोग हजार अर्थ: धनी आदमी को थोड़ा सा भी कष्ट हो तो बहुत लोग सहायता को आ जाते हैं। समर्थ के पीछे हजारों लोग होते हैं। अमीर के हजारों चाहने वाले होते हैं।
धन्ना सेठ के नाती बने हैं अर्थ: अपने को अमीर समझना।
धब्बा लगना अर्थ: कलंकित होना
धमाचौकड़ी मचाना अर्थ: उपद्रव करना
धरती पर पांव न पड़ना अर्थ: अभिमान में रहना। घमंड से चूर रहना।
धरती पर पांव न रखना अर्थ: घमंडी होना
धरना देना अर्थ: अड़ के बैठ जाना। सत्याग्रह करना।
धर्म छोड़, धन कौन खाए अर्थ: धर्म विरूद्ध कमाई सुख नहीं देती।
धाक जमाना अर्थ: रोब या दबदबा जमाना
धीरज बंधाना अर्थ: सांत्वना देना
धुएँ के बादल उड़ाना अर्थ: भारी गप हांकना
धुन का पक्का अर्थ: लग्न से काम करने वाला
धुन सवार होना अर्थ: काम पूरा करने की लगन होना
धूनी रमाना अर्थ: अधिक समय तक रुक जाना
धूप में बाल पकाना अर्थ: अनुभवहीन होना।
धूप में बाल सफेद करना अर्थ: अनुभवहीन होना। बिना अनुभव जीवन का बड़ा भाग बिताना।
धूप में बाल सफ़ेद नहीं किए हैं अर्थ: बहुतअनुभव हासिल किया है। घाट-घाट का पानी पिया है।
धूल फाँकना अर्थ: मारा मारा घूमना
धूल में मिल जाना अर्थ: नष्ट हो जाना।
धूल में मिलना अर्थ: पूरी तरह नष्ट हो जाना। बर्बाद हो जाना।
धोखा देना अर्थ: आँखों में धूल झोंकना
धोती ढीली हो जाना अर्थ: भयभीत हो जाना
धोती ढीली होना अर्थ: डर जाना
धोबी का कुत्ता अर्थ: बेकार आदमी
धोबी का कुत्ता, घर का न घाट का अर्थ: जिसका कहीं ठिकाना न हो। बेकार व्यक्ति। निरर्थक व्यक्ति। किसी काम का ना रहना। कोई ठिकाना न होना।
धोबी का गधा, घर का ना घाट का अर्थ: कहीं भी इज्जत न पाना।
धोबी के घर पड़े चोर, लुटे कोई और अर्थ: धोबी के घर चोरी होने पर कपड़े दूसरों के ही लुटते हैं।
धोबी पर बस न चला तो गधे के कान उमेठे अर्थ: शक्तिशाली पर आया गुस्सा कमजोर पर उतारना।
धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को अर्थ: सब अपने ही नुकसान की बात करते हैं।
ध्यान में न लाना अर्थ: विचार न करना
ध्यान से उतरना अर्थ: भूल जाना
प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें। – संपादक