मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : ज
जंगल की आग अर्थ: बहुत तेल
जंगल में मंगल करना अर्थ: सुनी जगह को आनंदमय कर देना
जंगल में मंगल होना अर्थ: उजाड़ में चहल–पहल होना।
जंगल में मोर नाचा किसने देखा अर्थ: कद्र न करने वालों के समक्ष योग्यता प्रदर्शन। जब ऐसे स्थान में गुण दिखाएं, जहाँ कोई उसका समझने वाला न हो।
जंजाल में फंसना अर्थ: झंझट में पड़ना
जंह जंह पैर पड़े संतन के, तंह तंह बंटाधार अर्थ: अभागा व्यक्ति जहां जाता है, बुरा ही होता है।
जख्म पर नमक छिड़कना अर्थ: दु:ख पर दु:ख देना, किसी के दुःख को जानबूझकर बढ़ाना।
जख्म हरा हो जाना अर्थ: पुराना दुःख जाना
जगल में मंगल अर्थ: हर स्थिति में प्रसन्न रहना
जड़ उखाड़ना अर्थ: समूल नाश करना
जड़ काटते जाएं, पानी देते जाएं अर्थ: भीतर से शत्रु, ऊपर से मित्र।
जड़ से उखाड़ देना अर्थ: पूरी तरह समाप्त कर देना
जने-जने की लकड़ी, एक जने का बोझ अर्थ: अकेला काम पूरा नहीं कर सकता किंतु सब करें तो पूरा होता है। अकेला व्यक्ति से काम काम पूरा नहीं होता, सब मिल करें तो पूरा होता है।
जने-जने से मत कहो, कार भेद की बात अर्थ: अपने रोजगार और भेद की बात हर व्यक्ति से न कहें।
जब आया देही का अन्त, जैसा गदहा, वैसा सन्त अर्थ: सज्जन और दुर्जन सभी मरते हैं, किसी की गति में फर्क नहीं होता।
जब उठें धुआंधारे, तब आंय नदिया नारे। अर्थ: आग लगने पर नदी किनारे भागना, जरूरत पड़ने पर व्यवस्था करना।
जब ओखली में सिर दिया तो मूसलों का क्या डर अर्थ: जब कष्ट सहने के लिए तैयार हूं, तो जितने कष्ट आएं, क्या डरना।
जब चने थे दांत न थे, जब दांत भये तब चने नहीं अर्थ: जब वस्तु है तो भोग करने वाला नहीं, भोग करने वाला है तो वस्तु नहीं।
जब तक जीना, तब तक सीना अर्थ: आदमी को मृत्युपर्यन्त काम करना पड़ता है। जब तक मनुष्य जीवित है, तब तक कुछ न कुछ करना पड़ता है।
जब तक साँस तब तक आस अर्थ: अंत समय तक आशा बनी रहती है।
जब नाचना है तो घूंघट कैसा अर्थ: काम में लाज कैसा
जबरदस्ती का ठेंगा सिर पर अर्थ: जबरदस्त आदमी दबाव डाल कर काम लेता है।
जबरा मारे, रोने न दे अर्थ: दबंग एक तो पीटे, ऊपर से रोने भी न दे, अत्याचारी का अत्याचार चुपचाप बिना रोए सहन करना।
जबान को लगाम चाहिए अर्थ: सोच-समझकर बोलना चाहिए।
जबान चलाना अर्थ: अनुचित शब्द कहना
जबान देना अर्थ: वायदा करना
जबान पर चढ़ना अर्थ: याद आना।
जबान में लगाम न होना अर्थ: बेमतलब बोलते जाना, अनुचित बातें कहते जाना
ज़बान ही हाथी चढ़ाए, ज़बान ही सिर कटाए अर्थ: मीठी बोली से आदर, कड़वी बोली से निरादर होता है।
जबानी जमा खर्च करना अर्थ: केवल बात करना, कुछ काम न करना
जमाना देखना अर्थ: बहुत अनुभव होना
जमीन आसमान एक करना अर्थ: कोई कसर न छोड़ना, बहुत प्रयत्न करना, सब उपाय कर डालना।
जमीन आसमान का फर्क अर्थ: बहुत भारी अंतर।
जमीन चूमना अर्थ: धराशायी हो जाना
जमीन पर नाक रगड़ना अर्थ: पछताना, माफी माँगना
जमीन पर पांव न पड़ना अर्थ: बहुत अभिमान करना, अधिक घमंडी होना, अत्यधिक खुश होना, खूब प्रसन्न होना, खूब प्रसन्न होना।
जमीन में समा जाना अर्थ: अत्यंत लज्जित होना
जर का जोर पूरा है, और सब अधूरा है अर्थ: धन में सबसे अधिक शक्ति है।
जर जाए, घी न जाए अर्थ: महाकृपण।
जर है तो नर, नहीं तो खंडहर अर्थ: पैसे से ही आदमी का सम्मान है। धन है सम्मान है, नहीं तो बेकार है।
जर, जोरू, ज़मीन जोर की, नहीं तो किसी और की अर्थ: धन, स्त्री और ज़मीन बलवान मनुष्य के पास रह पाते हैं, निर्बल के नहीं।
जरती मक्खी नहीं निगली जाती अर्थ: जानते-बूझते गलत काम नहीं किया जाता।
जल की मछली जल ही में भली अर्थ: जो जहाँ का होता है, उसे वहीं होना चाहिए।
जल में रहकर मगर से बैर अर्थ: जहाँ रहना हो, वहाँ के शक्तिशाली व्यक्ति से बैर ठीक नहीं होता। जिसके अधीन रहना उससे वैर ठीक नहीं। साथ रहने वालो से दुश्मनी। काम पड़ने वालों से दुश्मनी करना।
जल में रहकर मगर से बैर करना अर्थ: अपने आश्रयदाता से शत्रुता करना।
जलती आग में कूदना अर्थ: विपत्ति में पड़ना। जानबूझकर मुसीबत में पड़ना।
जलती आग में घी डालना अर्थ: क्रोध को और बढ़ाना, लड़ाई बढ़ाना।
जलती आग में तेल डालना अर्थ: और भड़काना।
जल-भुन कर पागल हो जाना अर्थ: क्रोध से पागल होना, ईर्ष्या से कुंठित होना
जली कटी सुनाना अर्थ: डांट-फटकार करना। भला-बुरा कहना।
जले पर नमक छिड़कना अर्थ: दु:ख पर दु:ख देना। कष्ट बढ़ाना।
जस दूलह, तस बनी बरात अर्थ: अपने जैसे सभी साथी
जस दूल्हा, तस बाराती अर्थ: स्वभाव के अनुसार ही मित्रता होती है।
जहन्नुम में जाओ अर्थ: घोर दुख में जाने कीबद्दुआ देना
जहन्नुम में जाना अर्थ: घोर कष्ट पाना
जहर उगलना अर्थ: अपमानजनक बातें कहना। भला-बुरा कहना। द्वेषपूर्ण बात करना। बहुत कड़वी बातें करना
जहर का घूँट पीना अर्थ: असह्य बात सहन करना। कड़वी बात सुन कर चुप रहना। क्रोध दबाना। सब देख कर भी शांत रहना।
जहर की गाँठ अर्थ: दुष्ट प्रवृत्ति वाला व्यक्ति
जहाँ चार बर्तन होंगे, वहाँ खटकेंगे भी अर्थ: सभी का मत एक जैसा नहीं हो सकता।
जहाँ चाह, वहाँ राह अर्थ: काम के प्रति लगन हो तो रास्ता निकल ही आता है।
जहाँ देखे तवा-परात, वहाँ गुजारे सारी रात अर्थ: जहाँ कुछ मिलने की आशा दिखे, वहीं जम जाना।
जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि अर्थ: कवि की कल्पना की पहुँच से कुछ अछूता नहीं होता।
जहाँ फूल, वहाँ काँटा अर्थ: अच्छाई के साथ बुराई भी होती है।
जहाँ मुर्गा नहीं होता, क्या वहाँ सवेरा नहीं होता अर्थ: किसी के बिना किसी का कोई काम नहीं रूकता।
जहां गुड़ होगा, वहीं मक्खियाँ होंगी अर्थ: धन प्राप्त होने पर खुशामदी अपने आप मिल जाते हैं।
जहां गुड़ होगा, वहीं मक्खियां होंगी अर्थ: धन प्राप्त होने पर खुशामदी अपने आप मिल जाते हैं। अमीर के आसपास चापलूसों की भीड़ लगी रहती है। ताकतवर की चापलूसी सब करते हैं।
जहां गुड़ होता है, वहां मक्खियां भिनभिनाती हैं अर्थ: समर्थ से अपना काम कराने के लिए लोग पहुंचते ही हैं। अमीर के आसपास चापलूसों की भीड़ लगी रहती है। ताकतवर की चापलूसी सब करते हैं।
जहां चार बर्तन होंगे, वहां खटकेंगे भी अर्थ: सभी का मत एक जैसा नहीं हो सकता।
जहां चाह है वहां राह है अर्थ: काम के प्रति लगन हो तो काम करने का रास्ता निकल ही आता है।
जहां देखे तवा परात, वहां गुजारे सारी रात अर्थ: जहां कुछ प्राप्ति की आशा दिखे वहीं जम जाना।
जहां न जाए रवि, वहां जाए कवि अर्थ: कवि की कल्पना बड़ी तीव्रगामी होती है
जहां फूल वहां काँटा अर्थ: अच्छाई के साथ बुराई भी होती ही है।
जहां मुर्गा नहीं बोलता, वहां क्या सवेरा नहीं होता अर्थ: किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता
जाए लाख, रहे साख अर्थ: धन भले ही चला जाए, इज्जत बचनी चाहिए।
जाके पैर न फटी बिवाई, सो क्या जाने पीर पराई अर्थ: दु:ख को भुक्तभोगी ही जानता है।
जाके पैर फटी बिवाई, सो ही जाने पीर पराई अर्थ: दु:ख को भुक्तभोगी ही जानता है।
जाको काम, उसी को साजे अर्थ: जो काम जिसका है वहीं उसे ठीक तरह से कर सकता है।
जाको राखे साइयाँ, मार न सके न कोय अर्थ: ईश्वर जिसका सहायक है, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
जाको राखे साईयां, मार सके न कोय अर्थ: जिसको भगवान् बचाना चाहें उसे कोई नहीं मार सकता।
जागेगा सो पावेगा, सोवेगा सो खोएगा अर्थ: हमेशा सतर्क रहना चाहिए।
जादू चढ़ना अर्थ: किसी का प्रभाव पड़ना,
जादू वह जो सिर पर चढ़ कर बोले अर्थ: अत्यन्त प्रभावशाली होना।
जान का प्यासा होना अर्थ: मार डालने के लिए तत्पर।
जान के लाले पड़ना अर्थ: गम्भीर संकट में पड़ना। प्राण बचाना कठिन लगना। जान बचाने की मुश्किल।
जान खाना अर्थ: बहुत परेशान करना
जान छुड़ाना अर्थ: पीछा छुड़ाना
जान पर खेलना अर्थ: प्राण की परवाह न करना। मुसीबत में रहकर काम करना। साहस भरा काम करना। साहसिक कार्य करना।
जान बची लाखों पाए अर्थ: जिंदगी बची रही, नुकसान की चिंता नहीं।
जान मारे बनिया, पहचान मारे चोर अर्थ: बनिया और चोर जान पहचान वालों को ठगते हैं।
जान में जान आना अर्थ: भय दूर होना
जान हथेली पर रखना अर्थ: जान की परवाह किये बिना कोई काम करना। प्राण संकट में डालना। प्राणोँ की परवाह न करना।
जान हथेली पर लेना अर्थ: जान की परवाह न करना। प्राण संकट में डालना। प्राणोँ की परवाह न करना।
जाल फेंकना अर्थ: किसी को फंसाना। किसी को फंसाने की कोशिश करना।
जाल में फंसना अर्थ: साजिश में फंसना।
जितना गुड़ डालोगे, उतना मीठा होगा अर्थ: जितना अधिक लगाओगे, उतना ही अच्छा पाओगे। जितनी मेहनत करोगे, उतना अच्छा परिणाम होगा।
जितनी चादर हो, उतने ही पैर पसारो अर्थ: आमदनी के हिसाब से खर्च करो।
जितने मुँह उतनी बातें अर्थ: अस्पष्ट होना।
जिन खोजा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैंठ अर्थ: मेहनत करने वाले को ही लाभ होता है।
जिन ढूँढा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैठ अर्थ: मेहनती को सफलता मिलती है
जिस थाली में खाना, उसी में छेद करना अर्थ: कृतघ्नता। जो उपकार करे, उसका ही अहित करना।
जिस पत्तल में खाना, उसी में छेद करना अर्थ: कृतघ्नता। जो उपकार करे, उसका ही अहित करना।
जिसका काम उसी को साजै अर्थ: जो काम जिसका है, वही ठीक तरह से कर सकता है।
जिसका खाइए, उसका गाइए अर्थ: जिससे लाभ हो, उसी का पक्ष लो।
जिसका जूता, उसी का सिर अर्थ: शत्रु को शत्रु के ही हथियार से मारना।
जिसका जूती, उसका सिर अर्थ: दुश्मन को दुश्मन के ही हथियार से मारना।
जिसकी बंदरी वही नचावे और नचावे तो काटन धावे अर्थ: जिसका जो काम होता है, वही उसे कर सकता है। जिसका हथियार होता है, वही चला सकता है। जिसका मुलाजिम होता है, उसका हुक्म मानता है।
जिसकी बिल्ली, उसी से म्यांऊ करे अर्थ: किसी द्वारा पाला व्यक्ति उसी पर गुर्राए। अपना मुलाजिम ही गुस्सा दिखाए।
जिसकी लाठी, उसकी भैंस अर्थ: ताकतवर की जीत। शक्ति तो अशक्त को भी शक्तिशाली बना देती है। शक्तिशाली की ही जीत होती है।
जिसके पास नहीं पैसा, वह भलामानस कैसा अर्थ: जिसके पास धन नहीं, वह सज्जन नहीं हो सकता है। जिसके पास धन नहीं, उसे लोग सज्जन नहीं समझते। निर्धन को लोग भलामानस नहीं समझते।
जिसके राम धनी, उसे कौन कमी अर्थ: जो भगवान के भरोसे रहे, उसे किसी चीज की कमी नहीं होती।
जिसके हाथ डोई,करछी उसका सब कोई अर्थ: सब लोग धनवान का साथ देते हैं और उसकी खुशामद करते हैं। धनी आदमी के सभी मित्र होते हैं।
जिसको पिया चाहे, वही सुहागिन अर्थ: समर्थ व्यक्ति जिसका चाहे कल्याण कर सकता है।
जिसे पिया चाहे, वही सुहागिन अर्थ: जिस पर मालिक की कृपा होगी, उसी की उन्नति और सम्मान होता है।
जिह्वा पर सरस्वती विराजना अर्थ: कोई बिना विचारे अचानक कुछ बोले और वह बात सत्य हो जाए।
जी कहो, जी कहलाओ अर्थ: तुम दूसरों का आदर करोगे, तो लोग तुम्हारा आदर करेंगे।
जी का जंजाल अर्थ: व्यर्थ का झंझट।
जी की जी में रहना अर्थ: इच्छा अधूरी रहना।
जी खट्टा होना अर्थ: मन में वैराग पैदा होना
जी खोलकर अर्थ: पुरे मन से
जी चलना अर्थ: वश चलना
जी चुराना अर्थ: काम करने से कतराना। काम से भागना।
जी छोटा करना अर्थ: हतोत्साहित करना
जी जलना अर्थ: संताप का अनुभव करना। मन ही मन कुढ़ना।
जी जान से अर्थ: पूरी मेहनत से
जी तोड़ अर्थ: पूरी शक्ति से
जी नहीं भरना अर्थ: संतोष नहीं होना
जी पर आ बनना अर्थ: मुसीबत में फंसना।
जी भर आना अर्थ: दया होना
जी भर के अर्थ: जितना मन करे
जी भर जाना अर्थ: हृदय द्रवित होना।
जी लगना अर्थ: मन लगना
जी लगाना अर्थ: किसी का ध्यान करना
जी से जहान है अर्थ: जीवन है तो सब कुछ है।
जी हल्का होना अर्थ: चिंता मिट जाना
जीती मक्खी नहीं निगली जाती अर्थ: जानबूझकर गलत काम नहीं किया जाता।
जीती मक्खी निगलना अर्थ: जानबूझकर गलत या अशोभन या अभद्र कार्य करना। जानबूझकर घृणित कार्य करना।
जीते जी मर जाना अर्थ: अत्यधिक कष्ट भोगना। जीवन काल में मृत्यु से बढ़ कर कष्ट भोगना।
जीभ और थैली बंद भली अर्थ: कम बोलने और कम खर्च करने से बड़ा लाभ है।
जीभ भी जली, स्वाद भी न आया अर्थ: कष्ट सह कर भी उद्देश्य की पूर्ति न होना। बहुत कम खाने को मिलना कि पेट न भरे, कहा कि खाना मिला।
जीये न मानें पितृ और मुए करें श्राद्ध अर्थ: कुपात्र पुत्र अपने पिता के जीवित रहते सेवा नहीं करते, मरने पर श्राद्ध करते हैं।
जीवनदान बनना अर्थ: जीवन की रक्षा करना
जुट जाना अर्थ: किसी काम में लग जाना
जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग अर्थ: कोई कठिन परिश्रम करे, उसका आनंद दूसरा उठाए। गरीब आदमी परिश्रम करे, पूँजीपति उसका लाभ उठाएं।
जुबान को लगाम न देना अर्थ: बिना सोचे समझे बोलना
जुबान चलना अर्थ: गलत शब्दों को बोलना
जुबान पर ताला लग जाना अर्थ: पूरी तरह शांत हो जाना
जुबान बंद करना अर्थ: अनुत्तरित हो जाना
जुल्म ढाना अर्थ: अत्याचार करना
जूँ के डर से गुदड़ी नहीं फेंकी जाती अर्थ: साधारण कष्ट या हानि से डर कर काम नहीं छोड़े जाते। जूठा खाए मीठे के लालच अर्थ: लाभ के लालच में नीच काम करना।
जूतियाँ चाटना अर्थ: चापलूसी करना।
जूतियां चटकाना अर्थ: बेकार में घूमना
जूतियां तोड़ना अर्थ: मारे–मारे फिरना।
जूतियां सीधी करना अर्थ: बहुत खुशामद करना
जूतियों में दाल बांटना अर्थ: लड़ाई-झगड़ा हो जाना।
जूती चाटना अर्थ: किसी की चापलूसी करना। खुशामद करना। चापलूसी करना।
जूते के बराबर न समझना अर्थ: अत्यधिक तुच्छ समझना
जूते चाटना अर्थ: चापलूसी करना। जी में जी करना।
जेठ के भरोसे पेट अर्थ: किसी और के भरोसे जीवन बिताना। निर्धन मनुष्य की पत्नी का पालन-पोषण उसका बड़ा भाई (स्त्री का जेठ) करता है।
जेते जग में मनुज हैं, तेते अहैं विचार अर्थ: संसार में मनुष्यों की प्रकृति-प्रवृत्ति तथा अभिरुचि भिन्न-भिन्न होती है। दुनिया में जितने तरह के लोग हैं, उतने ही तरह की मानसिकता और विचार हैं।
जेब गर्म करना अर्थ: रिश्वत देना
जैसा ऊंट लंब, वैसा गधा खवास अर्थ: जब एक ही प्रकार के दो मूर्खों का साथ होना।
जैसा कन भर, वैसा मन भर अर्थ: थोड़ी-सी चीज जाँचने से पता चला जाता है कि सामान कैसा है।
जैसा करोगे, वैसा भरोगे अर्थ: जैसा काम करोगे, वैसा ही फल मिलेगा।
जैसा काछ काछे, वैसा नाच नाचे अर्थ: जैसा वेश हो, उसी के अनुकूल काम करना चाहिए।
जैसा तेरा ताना-बाना, वैसी मेरी भरनी अर्थ: जैसा व्यवहार तुम मुझसे करोगे, वैसा ही मैं तुमसे करूंगा।
जैसा देश, वैसा वेश अर्थ: जहाँ रहना हो वहीं की रीतियों के अनुसार आचरण करना चाहिए। स्थान के अनुसार ही अपने आपको रखना चाहिए।
जैसा बोओगे, वैसा काटोगे अर्थ: जैसा व्यवहार करोगे, वैसा बदले में पाओगे। जैसा काम करोगे, वैसा ही फल मिलेगा।
जैसा मुँह, वैसा तमाचा अर्थ: जैसा आदमी होगा, वैसा ही उससे व्यवहार होगा।
जैसा मुँह, वैसा थप्पड़ अर्थ: जो जिसके योग्य होगा, उसको वही मिलेगा।
जैसा राजा, वैसी प्रजा अर्थ: राजा नेक तो प्रजा भी नेक, राजा बुरा तो प्रजा भी बुरी।
जैसी औढ़ी कामली, वैसा ओढ़ा खेश अर्थ: जैसा समय आ पड़े, उसी के अनुसार अपना रहन-सहन बना लेना चाहिए।
जैसी करनी, वैसी भरनी अर्थ: जैसा काम करोगे वैसा ही फल मिलेगा।
जैसी चले बयार, तब तैसी दीजे ओट अर्थ: समय व परिस्थिति के मुताबिक काम करना चाहिए।
जैसी तेरी तोमरी, वैसे मेरे गीत अर्थ: जैसी कोई मजदूरी देगा, वैसा ही उसका काम होगा। जैसा बरताव तुम मुझसे करोगे, वैसा ही मैं तुमसे करूंगा।
जैसी बहे बयार, तब तैसी पीठ आड़ अर्थ: परिस्थिति के अनुसार नीति अपनानी चाहिए।
जैसे उदई, तैसेई भान, न उनके चुटिया, न उनके कान अर्थ: जब काम करने के लिए एक स्वभाव के लोग मिलें और काम बिगड़ जाए।
जैसे कंता घर रहे, वैसे रहे परदेश अर्थ: निकम्मा आदमी घर में रहे या बाहर, कोई अंतर नहीं। निकम्मे आदमी के घर रहने से न लाभ होता है, न बाहर रहने से हानि।
जैसे को तैसा मिले, मिले डोम को डोम, दाता को दाता मिले, मिले सूम को सूम अर्थ: जो व्यक्ति जैसा होता है, उसका वैसे ही लोगों से पाला पड़ता है।
जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच अर्थ: जो जैसा होता है उसका मेल वैसों से ही होता है।
जैसे तेरी बाँसुरी, वैसे मेरे गीत अर्थ: जैसा तुम्हारा व्यवहार होगा, वैसा ही व्यवहार मैं करूंगा।
जैसे तैसे करके अर्थ: बहुत मुश्किल से।
जैसे नागनाथ, वैसे सांपनाथ अर्थ: दुष्ट लोग एक जैसे ही होते हैं।
जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार अर्थ: जैसे बाबा खुद झूठे हैं, वैसा ही उनका परिवार है।
जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई अर्थ: जिस व्यक्ति पर जितनी अधिक विपत्ति आती है, उसे ही विपदा जाने पर सुख का आनंद पता होता है।
जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की अर्थ: रोकड़ लिखने में गलती करने से सपंदा का नाश होता है।
जो गंवार पिंगल पढ़ै, तीन वस्तु से हीन, बोली, चाली, बैठकी, लीन विधाता छीन अर्थ: चाहे गंवार पढ़-लिख ले तिस पर भी उसमें तीन गुणों का अभाव पाया जाता है। बातचीत करना, चाल-ढाल और बैठकबाजी
जो गरजते हैं वो बरसते नहीं अर्थ: जो बहुत बोलता हैं वह काम कम करता है। झूठी धौंस देने वाला किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। डींग हांकने वाले काम के नहीं होते।
जो गुड़ खाए, सो कान छिदाए अर्थ: लाभ पाने वाले को कष्ट सहना ही पड़ता है।
जो गुड़ खाय, वही कान छिदावे अर्थ: जो आनंद लेता हो, वही परिश्रम करे और कष्ट उठाए।
जो गुड़ देने से मरे, उसे विषय क्यों दें अर्थ: जो मीठी-मीठी बातों या सुखद प्रलोभनों में बह जाए उससे युद्ध का फायदा नहीं। कम मेहनत में काम होता है तो अधिक मेहनत क्यों करना।
जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम अर्थ: छोटे आदमियों से काम चल जाए तो बड़े लोगों को कौन पूछता। कम मेहनत में काम होता है तो अधिक मेहनत क्यों करना।
जो तोको काँटा बुवे, ताहि बोइ तू फूल अर्थ: बुराई का बदला भी भलाई से दो।
जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है, उसके लिए कुआँ तैयार रहता है अर्थ: जो दूसरों को हानि पहुंचाता है, उसकी हानि अपने-आप होती है।
जो धन दीखे जात, आधा दीजे बाँट अर्थ: यदि वस्तु नष्ट होने की आशंका हो, तो कुछ खर्च करके शेष बचाना चाहिए।
जो धावे सो पावे, जो सोवे सो खोवे अर्थ: जो परिश्रम करेगा, उसे लाभ होगा, आलसी को हानि ही होती है।
जो पूत दरबारी भए, देव पितर सबसे गए अर्थ: जो दरबारी या परदेसी होते हैं उनका धर्म नष्ट हो जाता है, वे सांसारिक कर्तव्यों का समुचित पालन नहीं कर पाते।
जो बोले सो कुंडा खोले अर्थ: कोई मनुष्य कोई काम करने का उपाय बताए तो उसी को वह काम करने का भार सौंपा जाए।
जो बोले सों घी को जाए अर्थ: बड़बोलेपन से हानि ही होती है।
जो सुख छज्जू के चौबारे में, सो न बलख बुखारे में अर्थ: जो सुख अपने घर में मिलता है, वह किसी के महल में भी नहीं मिलता।
जो हांडी में होगा, वह थाली में आएगा अर्थ: जो मन है, वह प्रकट होगा ही।
जोगी का बेटा, खेलेगा तो सांप से अर्थ: बाप का प्रभाव बेटे पर पड़ता है। संगत का असर पड़ता है।
जोगी काके मीत, कलंदर किसके भाई अर्थ: जोगी किसी के मित्र नहीं होते और फकीर किसी के भाई नहीं होते, वे नित्य एक से दूसरे स्थान जाते रहते हैं।
जोगी जुगत जानी नहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ अर्थ: गेरूआ वस्त्र पहनने से कोई जोगी नहीं हो जाता। राम-राम कहने से दुष्ट की प्रवृत्ति नहीं बदलती।
जोगी जोगी लड़ पड़े, खप्पड़ का नुकसान अर्थ: बड़ों की लड़ाई में गरीबों की हानि होती है।
जोड़-तोड़ करना अर्थ: उपाय निकालना
जोर लगाना अर्थ: बल प्रयोग करना
जोरू चिकनी, मियाँ मजूर अर्थ: पति-पत्नी के रूप में विषमता हो। पत्नी सुंदर हो लेकिन पति निर्धन-कुरूप हो।
जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी अर्थ: स्त्री धन चाहती है और मां पुत्र का स्वास्थ्य चाहती है। स्त्री चाहती है कि मेरा पति खूब कमाए, मां चाहे कि मेरा बेटा भूखा तो नहीं।
जोरू न जांता, अल्लाह मियां से नाता अर्थ: जो संसार में अकेला हो। जिसके कोई सगा-संबंधी न हो।
जोश ठंडा पड़ना अर्थ: उत्साह कम होना।
जौहर करना अर्थ: स्त्रियों का चिता में जल कर भस्म होना। प्राणोत्सर्ग करना। बलिदान करना।
जौहर दिखाना अर्थ: वीरता दिखाना।
ज्यों नकटे को आरसी, होत दिखाए क्रोध अर्थ: जब कोई व्यक्ति किसी के दोष बताए, तो उसे बहुत बुरा लगता है।
ज्यों-ज्यों भीजे कामरी, त्यों-त्यों भारी होय अर्थ: पद के अनुसार जिम्मेदारियाँ भी बढ़ती हैं। उधारी छूटती रहना चाहिए वरना ब्याज बढ़ते जाता है। जितना अधिक कर्ज लेंगे, उतना बोझ बढ़ेगा।
ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो, त्यों-त्यों दुम सिकुड़े अर्थ: ज्यों-ज्यों आमदनी बढ़े, त्यों-त्यों कंजूसी करना।
प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें। – संपादक