पांडेय जी बन गए प्रधानमंत्री: व्यंग्य – लालित्य ललित

हमारे यहाँ गाल बजाने की आदत है, जो बजा लेता है वह बाधाएं पार कर जाता है और जो नहीं कर पाता वह अपने घर बैठ कर सत्ता को ऐसे कोसता हैं कि खुद का पायजामा सरक जाता है।

हमारे यहाँ छेदी भैया है, क्या बोलते है। पिछले दिनों आये तो कहने लगे कि कल्लू कालिया के घर में चोर घुस गए।

पेलू ने कहा कि चोर और कालिया के यहाँ!

भैया मज़ाक तो नहीं कर रहा, गज्जक खा कर।

देख भाई गज्जक की बात न कर, अब जमाना जाने को हो रिया है सर्दी का। अब देखो न पहाड़ पर बर्फ असर करती है और हम महानगरों में बैठकर किसी सुकन्या को देखते हुए ऐसे लंबे सांस भरते है कि समूची किसिम की आक्सीजन भीतर कर ली, जबकि होता कुछ नहीं। ये आपको भी पता है और डॉक्टर को।

रही बात कुछ खर्च करने की तो वह बात अलग है। समझ रहे हो न!

छेदी और पेलू दो दोस्त है, अंसारी नगर के भटियारे की गली के नुक्कड़ पर इनका धंधा है। पेलू चाय बेचता है और छेदी किसी के यहाँ कोरियर बॉय है।

छेदी का कहना है कि मेरी इच्छा है कि हमारे महल्ले के समाज सेवी जो हैं, वे अगर देश के प्रधानमंत्री बन जाये तो कइसे बात बन जाये!

अब छेदी जी सपना ले रहे है।

वैसे हमारे यहाँ दिव्य किसिम के संतोषी जीव कम और असन्तुष्ट ज्यादा है, जिनको जुलाब की बेहद सख्त आवश्यकता है, यदि पेट ठीक रहेगा तो चिंतन ठीक से होगा, अन्यथा आप समझ सकते है। यदि मन सही नहीं तो क्या खाक विधायक बनेंगे!

पते की बात जो चाय के खोखे पर आई।

छेदी ने सपना लिया कि अपने विलायती राम पांडेय जी यदि प्रधानमंत्री बन जाते है तो देश का नक्शा कैसे होगा!

चुनाव हुए कब के और सबने बिना तेल एक दूसरे को लगाए सर्वसम्मति से नेता चुन लिया। पार्टी का नाम है जय जवान हम किसान पार्टी।

पार्टी का घोषणा पत्र भी पारदर्शिता लिए हुए था।

उसमें लिखा है-
हम देश में अन्न, जल की कमी नहीं होने देंगे। महिलाओं की सुरक्षा करेंगे, बेरोजगारों को रोजगार देंगे। ये करेंगे, वे करेंगे। यानी जो दूसरी पार्टियां किसी कारण से न कर पाई, वे सब करेंगे।

इलाके के बुद्धिजीवी बड़े खुश है। अच्छा है पांडेय जी आ जाएंगे तो हमें भी कोई पोर्टफोलियो मिल जाएगा। यदि मंत्री न भी बन पाए तो किसी संस्थान का अध्यक्ष या किसी विचाराधीन कमेटी का चेयरमैन बना दिया जाएगा, बत्ती वाली गाड़ी मिलेगी सो अलग।

आइये थोड़ा विस्तार के विषय को समझने का प्रयास करें-

पांडेय जी के निजी सचिव नारायण कुमार से लोगों ने अप्रोच लगाना शुरू भी कर दिया।

नारायण कुमार को पता है कि किन लोगों से पांडेय जी का मिलना उचित है और किनका अनुचित। वैसे भी आजकल हर व्यक्ति अपने को सर्वश्रेष्ठ बताने पर अड़ा हुआ है और दूसरे को निम्न कोटि का बताने में देर नहीं करता।

जैसे जैसे हवा बन रही है पार्टी की औऱ विलायती राम पांडेय की, वैसे वैसे सरकारी एजेंसियां भी नजर बनाए हुए हैं कि कहां और कितना ध्यान देना है।

पांडेय जी की सरगर्मियां पहले से ज्यादा बढ़ गई है। घर में केवल सोने आते है, दिन भर पार्टी आफिस और कार्यकर्ताओं से मिलने में समय चला जाता है।

लेकिन मजेदार बात ये है कि उनके साथ के लोग अभी भी पूरी तन्मयता से लगे हुए है। खुद पांडेय जी का कहना भी है कि कोई भी आदमी सक्षम नहीं होता, बल्कि सक्षम उसकी टीम और समर्पित उसका परिवार बनाता है तभी तो वह आगे बढ़कर किसी भी क्षेत्र में तरक्की कर सकता है।

आज पांडेय जी ने एक सभा में कहा कि भाइयों और बहनों, माताओं और प्यारे बच्चों मैं आपको कहना चाहता हूँ कि मैं आपकी सेवा के लिए चौबीसों घण्टे उपलब्ध हूँ। आप को किसी भी शिकायत के लिए भागना नहीं पड़ेगा। उसके लिए मैं हूँ। आप निश्चिन्त रहें। आपके डोर बेल की घण्टी पर जो उपलब्ध हो जाये। उसी को अपना मत दें, आप समझदार है। पिछले पांच वर्ष हमने काम किया। आपको किसी किसिम की असुविधा नहीं होने दी।

ये पांडेय जी का चिरपरिचित अंदाज है। वे कभी भी ब्रांडेड कपड़े नहीं पहनते। बल्कि रामप्यारी जी खुद उनके लिए मैचिंग तैयार करती है।

आज दोपहर को नारायण कुमार ने बताया कि सर! महिला मैगजीन की रिपोर्टर आपके जीवन के विविध पक्षों को जानने के लिए बात करना चाहती हैं। तीन बजे का समय तय किया है।

ठीक है नारायण जी।

ठीक तीन बजे महिला मैगजीन की रिपोर्टर टिप्सी मुटरेजा का आगमन।

वह हाथ जोड़ कर पांडेय जी का स्वागत करती है।

पांडेय जी ने भी नमस्कार किया।

इससे पहले उत्साहित टिप्सी मुटरेजा सवालों को उठाएं, पांडेय जी ने चाय लाने को कहा।

कुछ देर बात साक्षात्कार में टिप्सी ने पूछा – पांडेय जी आप राजनीति में कैसे आये! आप तो पहले सरकारी विभाग में थे। शायद बिजली विभाग में!

पांडेय: देखिए टिप्सी जी, काम कोई बुरा नहीं होता। मैंने सरकार में बीस वर्ष काम किया और ये महसूस किया कि कुछ ऐसा है, जिसे मैं सही से अभिव्यक्ति नहीं दे पा रहा हूँ। इसलिए मैंने एक पार्टी का गठन किया और अपने विभाग से वीआरएस ले लिया।

टिप्सी मुटरेजा: ये तो अक्सर होता है, जैसे कई और आप जैसे महत्वपूर्ण लोग है, जिनमें कई प्रोफेसर भी शामिल है, जिन्होंने राम को आधार बना कर अपने आपको लेखन में उतार लिया।

पांडेय जी ने कहा कि टिप्सी जी, सभी व्यक्तियों की प्राथमिकता अलग अलग होती है। मैं चाहता हूँ कि मेरे देश के हर व्यक्ति को उसकी काबलियत के आधार पर तव्वजो दी जाए। उसे सम्मानपूर्वक जीने का आधार मिले। आप देखिए कितने बच्चे आज शिक्षित होने के बावजूद घर बैठे है। कितने केसेस आज अदालतों में पेंडिंग है। अवसर क्यों नहीं देते हम अपने भविष्य को! क्यों एक ही समुदाय को आर्थिक स्तर पर मुकाम देंगे! हमारी मंशा साफ होनी चाहिए कि हम पूंजीपतियों के गुलाम है या उनके जनप्रतिनिधि! मुझे लगता है कि नेता वह हो जिसे देश का बच्चा-बच्चा जानता हो और प्यार करता हो।

टिप्सी मुटरेजा: आप का इशारा कहाँ है!

पांडेय: देखिए, टिप्सी जी। बात साफ है। आज का जमाना अपना कैसा भी सामान हो, अच्छा हो या बुरा। उसे हम चमका कर आसानी से बाजार में बेच देते है। बाजारवाद हावी है। कितने अभिनेताओं को देखिए कि वे मॉडलिंग कर लाखों रुपये सालाना कमा रहे है। कितने ऐसे लाला है जो टेक्स की चोरी कर रहे हैं। हमें सत्ता में आते ही उनको पकड़ना है। आम जनता से उनका हक उनको सम्मानपूर्वक दिलवाना है।

टिप्सी मुटरेजा: यानी पांडेय जी आपको देख कर लगता है कि आप ने पूरी तैयारी कर रखी है कि यदि सत्ता में आये तो आप सार्थक और तेजी से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।

पांडेय जी ने कहा कि हम तो चाहते है कि आप भी मैगजीन छोड़ कर हमारी पार्टी जॉइन कर लें और कोई ऐसा मंत्रालय संभाले, जिससे आम महिलाओं को शोषण से मुक्ति मिल सके, और वे स्वरोजगार की ओर उन्मुख हो सकें।

टिप्सी ने मुस्कराते हुए कहा कि धन्यवाद। इस निमन्त्रण के लिए। एक अच्छी बातचीत के लिए आभार।

पांडेय जी ने मुस्कराते हूए कहा कि आप जैसे सजग लोगों की राजनीति में बेहद आवश्यकता है। ये कार्ड रख लीजिए, सीधे बात कीजिये, मन बनाइए। मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ सीधे ऑफर कर रहा हूँ।

टिप्सी ने हाथ जोड़ें और विदा ली।

पांडेय जी ने नारायण कुमार को कहा कि इनका नम्बर रख लें, याद दिलायेगा इन्हें।

नारायण कुमार ने कहा – जी सर।

पांडेय जी की पार्टी सर्वाधिक मतों से बढ़त बनाये हुए है। रामप्यारी और उनके भाइयों में भी सुबह से हलचल है। पांडेय जी के साडू ने तो पहले ही शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजयी भव:।

स्थानीय मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी निगाह बनाये हुए है। भारी मतों से पांडेय जी की पार्टी विजयी हुई।

टिप्सी मुटरेजा ने भी पांडेय जी को बधाई भरा वाट्सप किया। तत्काल पांडेय जी की ओर से संदेश मिला कि ऑफर की लाइन अभी भी खुली है।

टिप्सी मुटरेजा ने अपने खास मित्रों से भी सलाह की और सबने कहा कि आपको यह ऑफर स्वीकार कर लेना चाहिए।

पांडेय जी को पार्टी का कद्दावर नेता मान लिया गया और आज वह मौका था कि जब राष्ट्रपति भवन में तैयारियां जोरों व शोरों पर थीं।

विलायती राम पांडेय देश के अगले प्रधानमंत्री बनें। ऐसी सूचनाएं टेलीविजन पर चलने लगीं।

जहाँ और जिस महल्ले में विलायती राम पांडेय रहते थे, वह मोहल्ला अचानक से सुरक्षाकर्मियों ने घेरे में ले लिया। पार्क से लेकर घर तक बेरिकेट्स लग गई। कोई भी पांडेय जी से मिलने ऐसे ही मुंह उठाये नहीं जा सकता था। अब नजारा बदल चुका है।

पांडेय जी के रिश्तेदारों में, भाइयों में और मित्रों के लिए ये खबर किस दिवाली के तोहफे जैसे थीं। चिलमन ने तो प्रतिबंध के बावजूद भी पटाखे छोड़ दिये।

घर पर बधाइयां आनी शुरू हुई। दो दिन तो यही सब चलता रहा। धीरे-धीरे एसपीजी ने कहा कि अब कोई भी व्यक्ति सीधे आप से नहीं मिल सकेगा। आपकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

पांडेय जी के पार्टी आफिस में भी हलचल। उनके नए व पुराने मित्रों में खुशी का उबाल ऐसे था कि जैसे टिक्की खाने के बाद लगे कि काश गर्म गुलाब जामुन भी हो जाता तो मजा आ जाता।

बहरहाल विलायती राम पांडेय के विशेष सलाहकार प्रोफेसर विश्वसनीय कुमार ठाकुर ने लिस्ट बना ली थीं, और जो मंत्री बनने जा रहे थे, उनको सूचित भी कर दिया था।

मगर वे सभी मीडिया से बात करने पर ये ही बता रहे है कि पार्टी हाईकमान का जैसा भी आदेश होगा, वे सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये माध्यम सरकार का भी हो सकता है और संगठन का भी।

आज पांडेय जी सुबह नहा-धो कर पूजा करने के बाद भी कुछ देर अपने छज्जे पर बैठे। जहां वे अपने पिता से अनगिनत विषयों पर चर्चा किया करते। आज भी उन्होंने कई विषयों पर चर्चा की और अख़बार में अपने फोटो दिखाते हुए पूछा कि कैसा महसूस कर रहे है आप!

पिता की आंखें भर आईं और वे कुछ न कह सके । केवल अपना आशीर्वाद देते हुए कहा कि जीते रहो।

रामप्यारी ने सिल्क की साड़ी बॉर्डर वाली, चीकू ने स्कूल की छुट्टी की और जैकेट पेंट के साथ राजाबाबू के स्टाइल में नजर आया। बिटिया ने भी बढ़िया सा सूट पहना।

नियम व कायदे के अनुसार पांडेय जी एक साथ नहीं चल सकते थे। इसी के चलते बच्चे अलग गाड़ी में, पत्नी अलग गाड़ी में और पिता जी अलग गाड़ी में सवार हुए। भाई पांडेय जी के वे भी अलग अलग वाहनों में सवार।

पांडेय जी का इलाका, जहाँ वे रहते थे, मानो थम सा गया हो। उनके स्कूल के दोस्त, कालेज के फ्रेंड्स सब सोशल मीडिया पर अपने सम्बन्ध, अपना स्नेह उंडेलने लगे।

जब सायरन बजाता काफिला चल रहा था, पांडेय जी देखने लगे और जनता का अभिवादन हाथ हिलाकर करने लगें कि कितने लोग उन्हें प्यार करते हैं।

ठीक बारह बज कर उनका शपथ ग्रहण समारोह था। दूरदर्शन से लेकर सभी चैनल लाइव मॉड पर थे। प्रांगण में सभी राजनयिक, पड़ोसी देशों के नेता और पांडेय जी की पार्टी के सदस्यों के अलावा उनके तमाम मित्रगण, रिश्तेदारों के अलावा कुछ खास मित्र भी थे।

पांडेय जी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई तो रामप्यारी की आंखें भर आईं कि आज उसके जीवन में कितना बड़ा दिन है।

उसके बाद कैमरा बारी बारी से पांडेय जी के परिवार को कवर करता रहा।

अब मंत्रिमंडल के सदस्यों को शपथ दिलवाई गई, जिसमें नए व पुराने मित्र शामिल थे।

सूची इस प्रकार:
विलायती राम पांडेय: प्रधानमंत्री, जिनके पास गृह मंत्रालय भी रहेगा।
रामखेलावन: सूचना व प्रसारण मंत्रालय
राधेलाल: मानव संसाधन विकास मंत्रालय
टिप्सी मुटरेजा: महिला प्रभाग व वित्त मंत्रालय
देविका गजोधऱ: विदेश मंत्रालय
रामकिशन पुनिया: ग्रामीण विकास मंत्रालय

शपथ ग्रहण समारोह में पांडेय जी के बिजली विभाग के भी कई मित्र शामिल हुए, जिनसे समोसे खाया करते थे, पांडेय जी।

तभी रामप्यारी ने उठाते हुए कहा;शनिचर महाराज, उठ जाओ, आफिस नहीं जाना क्या!ओपी से ब्रेड ले आओ, सैर कर आओ। पैंट छोटी हो जाएगी, नई बनवाने पड़ेगी। कुछ सोचो।

पांडेय जी बड़बड़ा कर उठे और कहने लगे कि मेरा मंत्रिमंडल कहाँ गया!

जब देखो तब सपने… आज क्या देख लिया!

प्रधानमंत्री बन गया था आज तो!!

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-लालित्य ललित

यह व्यंग्य सुनने के लिए नीचे दी लिंक पर जाएं

जिंदगीनामा: पीढ़ियां आमने सामने में डॉ. प्रेम जनमेजय व लालित्य ललित, संचालक अलका अग्रवाल सिगतिया, सूत्रधार विवेक अग्रवाल

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