मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : ओ

ओँठ चबाना अर्थ: क्रोध प्रकट करना।

ओखली में सिर देना अर्थ: जानकर समस्या में पड़ना। जानबूझकर विपत्ति मेँ फँसना। खुद मुसीबत में पड़ना।

ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना अर्थ: चुनौती स्वीकार कर ली तो सामने आई कठिनाइयों से क्या डरना। कठिन काम हाथ में लिया, तो कठिनाइयों से क्या डरना।

ओखली में सिर देना अर्थ: जान-बूझकर परेशानी में फँसना, जानबूझकर मुसीबत मोल लेना, जोखिम मोल लेना।

ओछे की प्रीति, बालू की भीति अर्थ: बालू की दीवार की भाँति ओछे लोगों का प्रेम अस्थायी होता है।

ओर छोर न मिलना अर्थ: रहस्य पता न चलना। किसी जगह की अंत न दिखना।

ओस के मोती अर्थ: क्षणभंगुर

ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती अर्थ: अधिक कंजूस होने से काम नहीं चलता। आवश्यकता से काफी कम मिलना। बहुत थोड़ी वस्तु‍ से आवश्यकता की पूर्ति न होना। इतनी कम चीज़ मिलना कि तृप्ति न हो।

प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें।  – संपादक

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