आया अटरिया पे कोई चोर – व्यंग्य: कैलाश मंडलेकर
शहर में चोरियां बढ़ रही हैं। दुकानों के ताले और शटर टूट रहे हैं। छत से लेकर बाथरूम तक सेंधमारी
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