22 May: विश्व जैव विविधता दिवस
पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के किट-पतंगे, बैक्टीरिया, जलचर, नभचर, थलचर, पशु, पक्षी की असंख्य प्रजातियां पेड़-पौधों, नदी, तालाब, सागर, समुद्र, पहाड़, पर्वत, पठार, मैदान, जलवायु में पाई जाती हैं। ये विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों और स्थानों पर आश्रित रहती हैं।
इन सभी का मानव जाति, उसके जीवन निर्वाह एवं प्रकृति की उत्पत्ति से लेकर निरंतर विकास तक अपना-अपना योगदान है।
इस जीव विविधता के साथ अप्राकृतिक व्यवहार, संसाधनों अत्यधिक दोहन एवं दुरुपयोग, विकास के नाम पर अंधाधुंध जंगलों की कटाई से पर्यावरण को बहुत नुकसान हुआ है।
इसके कारण इन सभी कई प्रजातियां लुप्त हो गई हैं या लुप्त होने की कगार पर हैं। जलवायु में भी भारी परिवर्तन आया है, जो हमारे लिए और कष्टकारी होता जा रहा है।
आज विश्व जैव विविधता दिवस पर हमें अपने-अपने स्तर पर इसके संरक्षण का प्रयास कर, इस धरा की अतुलनीय सुंदरता को अक्षुण्ण बनाए रखने का प्रण लेना होगा।
– मृत्युंजय सिंह हाड़ा
(लेखक छायाकार हैं।)