व्यंग्यकारों को नए विषयों पर भी फोकस करना चाहिए – अलका अग्रवाल
अखिल भारतीय व्यंग्यधारा समूह की ऑनलाइन साप्ताहिक गोष्ठी में रविवार को अध्यक्षता करते हुए मुंबई की वरिष्ठ व्यंग्य लेखिका अलका
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Read moreदोनों होंठ जब होते हैं स्पंदित,तभी तो उपजते हैं शब्दभावों को जब मिलता अभिव्यक्ति का संसारकायम होता, तभी तो संवाद।
Read moreपहले कभी ऐतबार ना हुआ,चाहते हो मुझे इस क़दर टूटकर। ऐसा तो नहीं कि चाहा नहीं तुम्हेंकभी, तुम्हारी तरह डूबकर
Read moreजि़ंदगी नहीं ख़्वाब नहींफितरत है तू मेरी अक़ीदत नहीं हक़ीकत नहींआदत है तू मेरी रहबर मेरे जब था मेरे नालसमझ
Read moreकई बार अनुरोध किया था तुमनेदे दूं, तुम्हें अपनी कोई तस्वीरताकि जब मैं साथ नहीं तुम्हारे,बातें कर सको, मेरी तस्वीर
Read moreकहा तुमने करते हो बेपनाह मोहब्बत मुझसेमैंने मान लिया, करते हो बेपनाह मोहब्बत मुझसेजानते थे कि दुनिया का सबसे बड़ा
Read moreचिन्नीकविता व स्वर: अलका अग्रवाल, कवयित्री-कथाकार
Read moreघरकविता: हूबनाथ पांडे, विख्यात कविस्वर: अलका अग्रवाल, लेखिका-कवयित्री
Read moreमहामारीकविता: हूबनाथ पांडे, विख्यात कविस्वर: अलका अग्रवाल, लेखिका-कवयित्री
Read moreचरैवेति कविता: हूबनाथ पांडे, विख्यात कविस्वर: अलका अग्रवाल, लेखिका-कवयित्री
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