मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : भ

भंडा फूटना अर्थ: भेद खुलना

भंडा फोड़ना अर्थ: भेद खोल देना।

भंडाफोड़ होना अर्थ: भेद खुल जाना

भई गति सांप छंछूदर केरी अर्थ: दुविधाजनक स्थिति।

भरी गगरिया चुपके जाए अर्थ: ज्ञानी आदमी गंभीर होता है।

भरी थाली में लात मारना अर्थ: लगी-लगाई नौकरी छोड़ना। बना-बनाया काम खराब करना।

भरे पेट शक्कगर खारी अर्थ: समय के अनुसार महत्व बदलता है।

भले का भला अर्थ: भलाई का बदला भलाई में मिलता है।

भलो भयो मेरी मटकी फूटी मैं दही बेचने से छूटी अर्थ: काम न करने का बहाना मिल जाना।

भलो भयो मेरी माला टूटी राम जपन की किल्लत छूटी अर्थ: काम न करने का बहाना मिल जाना।

भागते भूत की लंगोटी ही सही अर्थ: कुछ न मिलने से कुछ मिलना अच्छा है।

भाड़ झोंकना अर्थ: समय व्यर्थ खोना।

भाड़ में जाना अर्थ: बद्दुआ देना

भाड़े का टट्टू अर्थ: क्षणिक, निकम्मा, सिद्धांतहीन आदमी, पैसे का गुलाम, पैसे लेकर ही काम करने वाला।

भानमती का कुनबा जोड़ना अर्थ: अलग-अलग चीजें जोड़ना या इकट्ठा करना

भानुमती का पिटारा अर्थ: तरह-तरह की चीजें एक जगह होना

भार उठाना अर्थ: उत्तरदायित्व लेना

भार उतारना अर्थ: ऋण से मुक्त होना

भीख माँगे और आँख दिखाए अर्थ: दयनीय होकर भी अकड़ दिखाना।

भीगी बिल्ली बनना अर्थ: डर जाना। दबना या डर से दुबकना। सहम जाना।

भूख लगी तो घर की सूझी अर्थ: जरूरत पड़ने पर अपनों की याद आती है।

भूखे भजन न होय गोपाला अर्थ: भूख लगी हो तो भोजन के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं सूझता।

भूत सवार होना अर्थ: सनक सवार होना

भूल गए राग रंग भूल गई छकड़ी, तीन चीज़ याद रहीं नून तेल लकड़ी अर्थ: गृहस्थीं के जंजाल में फँसना।

भेड़ की खाल में भेड़िया अर्थ: देखने में सरल-भोलाभाला, वास्तव में खतरनाक

भेड़ जहाँ जायेगी, वहीं मुंडेगी अर्थ: सीधे-सादे व्यक्ति को सब लोग बिना हिचक ठगते हैं

भैँस के आगे बीन बजाना अर्थ: मूर्ख आदमी को उपदेश देना। वज्र मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बातें करना

भैंस के आगे बीन बजाये, भैंस बैठ पगुराय अर्थ: पूर्ख पर उपदेश का कोई असर नहीं होता

भैंस के आगे बीन बजे, भैंस खड़ी पगुराय अर्थ: मूर्ख के आगे ज्ञान की बात करना बेकार है।

भौंकते कुत्ते को रोटी का टुकड़ा अर्थ: जो तंग करे उसको कुछ दे-दिला के चुप करा दो।

भौंह चढ़ाना अर्थ: क्रोध करना

प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें।  – संपादक

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