मुहावरे – लोकोक्तियां – कहावतें : ब

बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद अर्थ: ज्ञान न होना। मूर्ख गुण की पहचान नहीं कर सकता

बंदर क्या जाने आदी का स्वाद अर्थ: मुर्ख गुण की पहचान नहीं कर सकता

बंदर घुड़की अर्थ: प्रभावहीन धमकी।

बंदर भभकी अर्थ: प्रभावहीन धमकी।

बकरे की जान गई, खाने वाले को मज़ा नहीं आया अर्थ: भारी काम करने पर भी सराहना न मिलना।

बखिया उधेड़ना अर्थ: भेद खोलना।

बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा अर्थ: पास में रहने पर भी किसी वस्तु या व्यक्ति को दूर-दूर खोजना।

बगलें झाँकना अर्थ: उत्तर न दे सकना

बगलें झाँकना अर्थ: लज्जित होकर इधर उधर देखना

बगुला भगत अर्थ: ढोंगी व्यक्ति

बछिया का ताऊ अर्थ: मूर्ख। बेवकूफ। मंदअक्ल का।

बट्टा लगना अर्थ: कलंक लगना।

बड़ी मछली छोटी मछली को खा जाती है अर्थ: शक्तिशाली व्यक्ति निर्बल को दबा लेता है।

बड़े घर की हवा खाना अर्थ: जेल जाना।

बड़े घर बयाना देना अर्थ: अधिक बलवान से वैर मोल लेना

बड़े बरतन का खुरचन भी बहुत है अर्थ: जहाँ बहुत होता है वहाँ घटते-घटते भी काफी रह जाता है।

बड़े बोल का सिर नीचा अर्थ: घमंड करने वाले को नीचा देखना पड़ता है।

बना-बनाया खेल बिगड़ जाना अर्थ: सिद्ध हुआ काम खराब हो जाना

बनिक पुत्र जाने कहा गढ़ लेवे की बात अर्थ: छोटा आदमी बड़ा काम नहीं कर सकता।

बनी के सब यार हैं अर्थ: अच्छे दिनों में सभी दोस्त बनते हैं।

बरतन से बरतन खटकता ही है अर्थ: जहाँ चार लोग होते हैं वहाँ कभी अनबन हो सकती है।

बरस पड़ना अर्थ: अति क्रुद्ध होकर डाँटना। किसी पर गुस्सा निकलना। क्रोध में आकर खरी-खोटी सुनाना। बेहद नाराज होकर डाँटना।

बल्लियोँ उछलना अर्थ: बहुत प्रसन्न होना।

बहती गंगा में हाथ धोना अर्थ: ऐसी चीज से लाभ उठाना, जिससे सब उठा रहे हों। मौके का लाभ उठाना।

बहत्तर घाट का पानी पीना अर्थ: अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त करना।

बाँए हाथ का खेल अर्थ: बहुत सरल काम।

बाँछें खिल जाना अर्थ: अत्यंत प्रसन्न होना।

बाँछें खिलना अर्थ: अत्यधिक प्रसन्न होना

बाँझ का जाने प्रसव की पीड़ा अर्थ: पीड़ा सह कर ही समझी जा सकती है।

बाँसों उछलना अर्थ: बहुत ख़ुशी।

बांए हाथ का खेल अर्थ: आसान काम।

बांसों उछलना अर्थ: अत्यधिक प्रसन्न होना।

बाग-बाग होना अर्थ: बहुत खुश होना।

बाज न आना अर्थ: बुरी आदत न छोड़ना।

बाजार गर्म होना अर्थ: काम में तेजी। काम–धंधा तेज होना।

बाजी मारना अर्थ: जीत पाना।

बाजी मारना अर्थ: जीतना या आगे निकल जाना

बाजी ले जाना अर्थ: आगे निकल जाना।

बाजू में छोरा, नगर में ढिंढोरा अर्थ: जो पास में मौजूद हो, उसे दूरदराज खोजना।

बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे अर्थ: रक्षक का भक्षक हो जाना।

बात का धनी अर्थ: वादे का पक्का।

बात का धनी होना अर्थ: वचन का पक्का होना।

बात काटना अर्थ: बीच में बोलना।

बात को गाँठ में बाँधना अर्थ: स्मरण। याद रखना।

बात चलाना अर्थ: शुरू करना।

बात बनाना अर्थ: बहाना बनाना।

बातों में आना अर्थ: बात व्यवहार में धोखा खाना।

बाप न मारे मेढकी, बेटा तीरंदाज़ अर्थ: छोटे का बड़े से बढ़ जाना।

बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रुपैया अर्थ: रुपये वाला ही ऊँचा समझा जाता है।

बाप भला न भइया, सब से भला रूपइया अर्थ: धन ही सबसे बड़ा होता है।

बाप से बैर, पूत से सगाई अर्थ: पिता से दुश्मनी और पुत्र से लगाव।

बारह गाँव का चौधरी, अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी-तैसी में जाव अर्थ: बड़ा होकर किसी के काम न आए, तो बड़प्पन व्यर्थ है।

बारह बरस पीछे घूरे के भी दिन फिरते हैं अर्थ: एक न एक दिन अच्छे दिन आते ही हैं।

बाल की खाल निकालना अर्थ: नुक्ताचीनी करना, बहुत तर्क–वितर्क करना। छोटी-छोटी बातों पर तर्क करना। निरर्थक बहस करना।

बाल बाँका न कर पाना अर्थ: कुछ भी नुकसान न कर सकना। जरा सा नुकसान कर पाना।

बाल बाँका न होना अर्थ: ज़रा भी नुकसान न होना। कुछ भी हानि न होना।

बाल–बाल बचना अर्थ: बड़ी कठिनाई से बचना। मुश्किल से बचना

बालू से तेल निकालना अर्थ: असम्भव कार्य करके दिखाना

बासी कढ़ी में उबाल आना अर्थ: समय बीत जाने पर इच्छा जागना। बुढ़ापे में जवानी की उमंग उठना। समय बीतने पर कुछ करने की इच्छा होना।

बासी कढ़ी में उबाल नहीं आता अर्थ: काम करने के लिए शक्ति का होना आवश्यक होता है।

बासी बचे, न कुत्ता खाय अर्थ: जरूरत के अनुसार ही सामान बनाना।

बाहु बढ़ाना अर्थ: सहायता करना

बिंध गया सो मोती, रह गया सो सीप अर्थ: जो वस्तु काम आ जाए वही अच्छी।

बिच्छू का मंतर न जाने, सांप के बिल में हाथ डाले अर्थ: मूर्खतापूर्ण कार्य करना।

बिन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीख अर्थ: स्वाभिमान छोड़ कर माँगने से अनादर होता है। सौभाग्य से कोई बढ़िया चीज़ स्वतः मिल जाती है, दुर्भाग्य से घटिया चीज़ प्रत्यत्न करने पर भी नहीं मिलती। बिना परिश्रम के धन की प्राप्ति।

बिना रोए तो माँ भी दूध नहीं पिलाती अर्थ: बिना यत्न किए कुछ भी नहीं मिलता।

बिल्ली और दूध की रखवाली? अर्थ: भक्षक रक्षक नहीं हो सकता।

बिल्ली के गले में घंटी अर्थ: कठिन काम पूरा करना।

बिल्ली के गल्ले में घंटी बाँधना अर्थ: अपने को संकट में डालना।

बिल्ली के भागों छींका टूटा अर्थ: सौभाग्य।

बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा अर्थ: अच्छा मौका मिलना।

बिल्ली के सपने में चूहा अर्थ: जरूरतमंद को सपने में भी जरूरत की ही वस्तु दिखाई देती है।

बिल्ली गई चूहों की बन आयी अर्थ: डर खत्म होते ही मौज मनाना।

बीड़ा उठाना अर्थ: किसी काम को पूरा करने का संकल्प करना।

बीड़ा उठाना अर्थ: दायित्व लेना।

बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय अर्थ: बीती हुई घटना पर पछताने के बदले भविष्य की चिंता करनी चाहिए।

बीमार की रात पहाड़ बराबर अर्थ: खराब समय मुश्किल से कटता है।

बुखार उतारना अर्थ: क्रोध करना।

बुड्ढी घोड़ी लाल लगाम अर्थ: उम्र के मुताबिक काम करना चाहिए।

बुढ़ापे की लाठी अर्थ: बुढ़ापे का सहारा।

बुढ़ापे में मिट्टी खराब अर्थ: बुढ़ापे में इज्जत में बट्टा लगना।

बुढिया मरी तो आगरा तो देखा अर्थ: प्रत्येक घटना के दो पहलू होते हैं –  अच्छा और बुरा।

बुद्धि पर पत्थर पड़ना अर्थ: अक्ल काम न करना।

बूँद-बूँद से घड़ा भरता है अर्थ: थोड़ा-थोड़ा जमा करने से धन का संचय होता है।

बूढे तोते भी कही पढ़ते हैं अर्थ: बुढ़ापे में कुछ सीखना मुश्किल होता है।

बेड़ा पार लगाना अर्थ: कष्ट से उबारना।

बेपेंदी का लोटा अर्थ: ढुलमुल। पक्ष बदलने वाला।

बेवकूफ मर गए औलाद छोड़ गए अर्थ: कोई बहुत मूर्खता करे।

बेवक्त की शहनाई बजाना अर्थ: अवसर के प्रतिकूल कार्य करना।

बेसिर-पैर की बात करना अर्थ: बिन मतलब की बात करना।

बेसिर-पैर की बात कहना अर्थ: निरर्थक बात कहता।

बैल का बैल गया, नौ हाथ का पगही भी गया अर्थ: बहुत बड़ा घाटा, घाटा पर घाटा।

बोए पेड़ बबूल के आम कहां से होय अर्थ: जैसा कर्म करोगे वैसा ही फल मिलेगा।

बोलती बंद करना अर्थ: निरुतर करना, बोलने न देना।

बोल-बाला होना अर्थ: ख्याति होना।

बौछार करना अर्थ: अधिक मात्रा में उपस्थित करना।

प्रिय पाठकों, हमारे देश में खूब लोकोक्तियां, मुहावरे, कहावतें इस्तेमाल होते हैं। वे आज भी किताबों तक नहीं पहुंचे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि यह भंडार आप तक पहुंचाएं। आपको कोई लोकोक्ति, मुहावरा, कहावत याद आए, जो हम यहां न दे सके, तो आप कमेंट बॉक्स में लिख दें। हम उसे अकारादी क्रम में संग्रहित करते जाएंगे। हिंदी भाषा की जानकारी देते रहें, समृद्ध बनाते रहें।  – संपादक

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