Alka Agrawal Sigtia : Profile

मानद संपादक – अनूठा इंडिया

अलका अग्रवाल सिग्तिया, एक पत्रकार, लेखक, कवयित्री एवं व्यंग्यकार हैं। विगत दो दशकों से वे साहित्य जगत में सक्रिय हैं। प्रिंट मीडिया के लिएअलका ने छोटी उम्र में लिखना शुरु कर दिया। पहली कहानी लब्धप्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका सारिका में छपी थी। उसके बाद कविताएं, कहानियां, व्यंग्य जनसत्ता, दैनिक भास्कर, नवभारत टाईम्स, नवीन दुनिया, कथाक्रम, कहानियां जैसी पत्रिकाओं और अखबारों में प्रकाशित होते रहे। व्यंग्य, महिला विमर्श एवं सशक्तिकरण, मीडिया तथा तात्कालिक विषयों पर उनके स्तंभ भी अखबारों में प्रकाशित हुए हैं। संगीनी पत्रिका की अतिथी संपादक रहीं, ग्रेट पत्रिका हेतु लेख लिखे हैं।

अलका का कहानी संग्रह “मुर्दे इतिहास नहीं लिखते” 2015 में छप कर आया। यह कई कारणों से शब्द संसार में चर्चा का विषय बना हुआ है।

आगामी व्यंग्य संग्रह “तेरी – मेरी – उसकी भी” का सॉफ्ट लॉंच विश्व पुस्तक मेला 2017 में हो चुका है। “अपराजिता” एवं “खिड़की एक नई सी” कविता संग्रह आने वाले हैं।

उनकी कविताएं प्रख्यात शास्त्रीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने प्रस्तुत की हैं। जी टीवी के “रिश्ते” व दूरदर्शन के “जानम समझा करो” धारावाहिकों हेतु कुछ अंक लिखे। रेडियो के लिए लेखन कर रही हैं। व्यंग्यकार लेखक हरिशंकर परसाई पर लघु फिल्म तैयार की। अलका ने फिल्म “विघ्नहर्ता सिद्धि विनायक” और पूर्ण फीचर फिल्म “अदृश्य” की पटकथा-संवाद लिखे हैं।

व्यंग्य यात्रा सम्मान, दिल्ली 2016, आस्क सोसायटी पुरस्कार, कानपुर 2016, बेस्ट रापा सीरियल अवॉर्ड, ऑल इंडिया रेडियो के धारावाहिक रूपक “कहानी बड़े घर की” और महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का कहानी के लिए प्रेमचंद सम्मान के तहत प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। संहिता मंच के राष्ट्रीय हिंदी नाटक लेखन स्पर्धा के श्रेष्ठतम नाटकों का अलका द्वारा संपादित संग्रह “रंगकलम” 16 अगस्त 2017 को रविंद्र नाट्य मंदिर, मुंबई में हुआ।

फिल्म अदृश्य की पटकथा व संवाद को साहित्यिक कृति में तब्दील किया, जो इसी नाम से उपन्यास की शक्ल में केके प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो चुकी है। 

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